हर परिवार चाहता है की घर चाहे जैसा हो लेकिन उसमे उनके आराध्य देवी-देवताओ के लिए एक अलग स्थान हो चाहे वो एक अलमारी, कमरा या एक छोटा सा खुला हुआ शेल्फ ही क्यों न हो। ऐसा करने से सब मानते हैं की घर में सकारात्मक ऊर्जा के सञ्चालन के साथ-साथ शांति और सम्पन्नता बनी रहती है।
पूजा स्थल निश्चित करते वक़्त वास्तु शास्त्र के इस बात का ख्याल रखे की वो हमेशा पूर्व, उत्तर या पूर्वोत्तर दिशा में ही हो और उसके आसपास किचन या बाथरूम न हो।
पूजा कमरे की दीवारों पर हल्का पीला रंग शुभ माना जाता है और अगर ये स्थल शयनकक्ष में है तो ध्यान रखे की मंदिर के और पैर करके न सोये। घर में पूजा कमरों को सजाने के लिए अलग-अलग धातुओं के दिए, खुशबूदार फूल और अगरबत्तियां, चन्दन, छोटी घंटिया इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस विचारपुस्तक द्वारा खूबसूरत प्रेरणादायक पूजा घर डिजाइंस पाठको के साथ बाँट रहे हैं ताकि इनसे अपने घर को और सकारात्मक बनाये ।
पूजा कक्ष की डिजाइनिंग सिर्फ द्वार पर ही सिमित न रहकर अंदर भी कलात्मक तरीके से सजावट कर सकते हैं ताकि यथासंभव सुंदर लग सके। इस कमरे के डिजाइनर ने लकड़ी का पूजास्थल की वेदी के इलावा दीवार में भी छोटी मूर्तियां सजाने के लिए खान बनाये है तथा कांच और लकड़ी के संयोजन से दरवाजा सजाया है ताकि संपूर्ण पूजाघर अद्वितीय लगे।
संगमरमर में वो जादुई स्पर्श जो किसी और प्राकृतिक पत्थर में नहीं और उसका जीता-जगता नमूना है ताज-महल !!अगर पूजा घर जैसे पवित्र स्थल को इससे सजाया जाय तो सोचिये कितना खूबसूरत होगा !! यहाँ ऐसा ही आकर्षक पूजा घर होमिफ़य के आतंरिक सज्जाकारो ने बनाया है जिसका प्रवेश द्वार और पृष्ठभूमि संगमरमर और नक्काशीदार लकड़ी से बनाया गया है। जब पूजा घर बड़ा हो और कई मुर्तिया सजे हो तो ध्यान रखें की वो एक दुसरे के सामने न हों।
3. अपने घर में जगह की कमी को पूजा कक्ष के डिजाइन से समझौता न करें और अगर संलग्न स्थान समर्पित नहीं किया जा सकता या किसी अन्य रूम में जगह के अनुसार एकीकृत की जा सकती है। न्यूट्रल रंग की पृस्ठभूमि रखकर इस तरह के लकड़ी के फ्रेम से भी पूजा के लिए आला जैसे बन जाता है जिसमे मूर्तियों को रखने के लिए पीठा सजाकर आप शान्ति से आराधना कर सकते हैं।
इस स्टाइलिश पूजाघर में गहरे रंग का सीलिंग और दरवाज़ा का अनोखा मेल संगमरमर के फर्श और दीवारों सी किये गया है जो किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकता है। वास्तुकला को मद्देनज़र रख कर छत भी तिकोनी बनाया गया है ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। हमेशा ध्यान रखे की पूजा घर कभी भी बाथरूम के ऊपर, निचे या पास नहीं होना चाहिये।
इस तरह की अलमारी स्टाइल पूजाघर घर की किसी भी हिस्से में आराम से लग सकता है इसीलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा रूम को हमेशा पूर्व, पश्चिम और उत्तर पूर्व में रखें ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। दरवाज़े में कलात्मक कटौतियां करने से उसमे खूबसूरत घंटियां सजी है और अंदर में जलने वाले दियो की रौशनी बाहर तक जगमगाती है।
परंपरागत तत्वों को बनाये रखने और मन की शांति हासिल करने के लिए पूजा कक्ष से बेहतर कोई स्थान नहीं। इस तरह के स्टाइलिश पूजा घर को बनाने में सफ़ेद संगमरमर और लैमिनेट इस्तेमाल किया गया है जो इसे अनोखी रूप-रेखा देतीं हैं और कांच का खूबसूरत दरवाज़ा इस पूरे सज्जा में चार चाँद लगा देता है ।
पूजाघर को अनोखी रूपरेखा देना चाहते हैं तो धातु पेंट का उपयोग करके पृष्ठभूमि पैनल पर एक श्लोक या धार्मिक प्रतीकों को चित्रित करके अनूठा तत्व जोड़ सकते हैं। पारदर्शी पैनल के पीछे लाइट लगाने के कारन पेंट चमकता जिससे छोटी और साधारण पूजा स्थान आकर्षक लगता है।
अगर आप नया पूजा घर निर्मित करने जा रहे हैं तो इन 10 पूजा घर डिजाइनों को ज़रूर देखिये।